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Exclusive Jandakhal: 15 करोड़ की ठगी, 441 करोड़ की अवैध कमाई, फिर भी गिरफ़्तारी नहीं?

रायपुर: छत्तीसगढ़ में 15 करोड़ की ठगी और 441 करोड़ की अवैध कमाई के गंभीर आरोपों के बावजूद कंचन श्रीवास्तव को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है, जिससे राज्य की कानून व्यवस्था और जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह मामला पिछले कुछ महीनों से राज्य की राजनीति, प्रशासन और कारोबारी जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है।

ठगी का पूरा मामला

यह पूरा घोटाला 2023 में सामने आया, जब दिल्ली की एक बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी रावत एसोसिएट्स ने रायपुर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि केके श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोप है कि केके श्रीवास्तव ने खुद को बड़े नेताओं का करीबी बताकर, फर्जी दस्तावेज और सरकारी कागजात दिखाकर कंपनी को भरोसे में लिया और फिर 15 करोड़ रुपये सिक्योरिटी मनी के नाम पर अपने बताए खातों में ट्रांसफर करवा लिए

जब रावत एसोसिएट्स के मालिक ने समय पर प्रोजेक्ट नहीं मिलने पर पैसे वापस मांगे, तो श्रीवास्तव ने कंचन श्रीवास्तव समेत कुछ फर्मों के चेक दिए, लेकिन बाद में उन चेकों को स्टॉप पेमेंट में डाल दिया गया। यानी पैसा वापस मिलने की कोई संभावना ही नहीं छोड़ी गई

441 करोड़ की अवैध कमाई का आरोप

केवल ठगी ही नहीं, बल्कि श्रीवास्तव परिवार पर 441 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का भी आरोप है। यह रकम अलग-अलग फर्जी कंपनियों और लेन-देन के जरिए जुटाई गई। जांच में सामने आया कि इस पैसे को कई शेल कंपनियों और बेनामी खातों में घुमाया गया, जिससे इसकी ट्रैकिंग बेहद मुश्किल हो गई

पुलिस कार्रवाई और कंचन को राहत

इस पूरे मामले में केके श्रीवास्तव को तो पुलिस ने भोपाल से गिरफ्तार कर लिया और रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की जा रही है। लेकिन उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव को, जिनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज है, पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया। कंचन को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, जबकि उनके नाम पर भी ठगी और अवैध कमाई के पुख्ता सबूत सामने आ चुके हैं

“वह 15 करोड़ की ठगी और 441 करोड़ की अवैध कमाई के मामले में अपने बेटे कंचन श्रीवास्तव को पुलिस से राहत दिलाने में सफल हो गया है। पुलिस ने अब तक कंचन को गिरफ्तार नहीं किया है। पूछताछ करके ही उसे छोड़ दिया…”

राजनैतिक संबंध और दबाव

केके श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाते रहे हैं। उन पर आरोप है कि वे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कई बड़े नेताओं के संपर्क में थे और इसी राजनीतिक रसूख का फायदा उठाकर उन्होंने कई कारोबारियों को झांसे में लिया। पुलिस और प्रशासन पर भी राजनीतिक दबाव की आशंका जताई जा रही है, जिससे कंचन श्रीवास्तव को अब तक गिरफ्तारी से बचाया जा सका है

जांच की वर्तमान स्थिति

  • SIT का गठन कर जांच जारी है।
  • केके श्रीवास्तव रिमांड पर हैं, लेकिन कंचन श्रीवास्तव को केवल पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
  • 15 करोड़ की ठगी और 441 करोड़ की अवैध कमाई के बावजूद कंचन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है
  • शिकायतकर्ता लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन पुलिस की सुस्ती और राजनीतिक हस्तक्षेप से मामला उलझा हुआ है।

15 करोड़ की ठगी और 441 करोड़ की अवैध कमाई जैसे गंभीर मामलों में भी यदि आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं, तो यह राज्य की जांच व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। कंचन श्रीवास्तव को पुलिस द्वारा पूछताछ के बाद छोड़ देना और अब तक गिरफ्तारी न होना, पूरे मामले को और संदिग्ध बना देता है। इस प्रकरण ने छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था, राजनीतिक संरक्षण और आर्थिक अपराधों की जांच प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गहरा सवालिया निशान लगा दिया है।

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