“ऑपरेशन महादेव” — आतंक के गढ़ में तांडव, सावन में सेना का सबसे बड़ा संदेश
ये आतंकी हाल ही में हुए पहलगाम हमले से जुड़े हो सकते हैं, और ये लंबे समय से वांछित थे

श्रीनगर/दिल्ली – सावन के पवित्र माह में जब पूरा देश भोलेनाथ की भक्ति में डूबा है, तब भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर की वादियों में “ऑपरेशन महादेव” का बिगुल फूंक कर आतंक के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोल दिया है।
इस विशेष सैन्य अभियान में अब तक 3 खूंखार आतंकी मार गिराए गए हैं, जबकि कई और आतंकियों को जंगल में घेर लिया गया है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को सील कर तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
जंगल में घमासान: हरवान बना रणभूमि
श्रीनगर जिले के हरवान जंगल क्षेत्र में सोमवार सुबह 7:30 बजे शुरू हुए इस ऑपरेशन में, जैसे ही सेना की टुकड़ी ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया, फायरिंग की आवाजें गूंज उठीं। देखते ही देखते मुठभेड़ ने तीव्र रूप ले लिया और सेना ने तीन आतंकियों को मौके पर ही ढेर कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, ये आतंकी हाल ही में हुए पहलगाम हमले से जुड़े हो सकते हैं, और ये लंबे समय से वांछित थे।
सेना की रणनीति: बहुपक्षीय हमला
इस ऑपरेशन में देश की सबसे घातक सैन्य इकाइयाँ एकसाथ उतर चुकी हैं:
50 राष्ट्रीय राइफल्स (RR)
24 RR
श्रीनगर पुलिस
CRPF की विशेष यूनिट्स
सेना की चिनार कोर ने पुष्टि की है कि “लिडवास इलाके में संपर्क स्थापित हुआ है और ऑपरेशन महादेव पूरी शक्ति के साथ जारी है।”
सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं — आतंक के नेटवर्क पर निर्णायक वार
कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में भारत विरोधी आतंकियों और उनके स्थानीय नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने का अभियान जारी है। यह ऑपरेशन केवल गोलीबारी नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ भारत की रणनीतिक और मानसिक जीत का प्रतीक है।
“ऑपरेशन महादेव” भारतीय सेना का सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि आस्था, अखंडता और आत्मरक्षा का संगम है। सावन के इस आध्यात्मिक माह में जब लाखों श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर हैं, तब सेना ने यह सुनिश्चित किया है कि भक्ति में कोई बाधा न आए।
यह ऑपरेशन न सिर्फ आतंकवादियों को उनके अंजाम तक पहुंचा रहा है, बल्कि यह संदेश भी दे रहा है —
भारत अब बर्दाश्त नहीं करेगा।
हर गोली का जवाब बंदूक से मिलेगा।
हर साजिश का अंत होगा – ठिकानों में नहीं, कब्रों में।