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भाजपा ने साधा करारा निशाना “आदिवासियों पर मत बोलिए भूपेश जी, आपका नकली आदिवासी प्रेम सब जानते है”

अनुराग अग्रवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा : "भूपेश बघेल अब आदिवासी समाज पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें। जनता जान चुकी है कि आपके लिए आदिवासी सिर्फ वोट बैंक और सत्ता की सीढ़ी हैं, सम्मान का विषय नहीं

JANDAKHAL NEWS रायपुर… भूपेश बघेल की आदिवासी समाज पर की गई टिप्पणी उनके लिए राजनीतिक रूप से उल्टा साबित हो रही है। भाजपा प्रदेश मीडिया सहप्रभारी अनुराग अग्रवाल ने तीखे शब्दों में पूर्व मुख्यमंत्री को आइना दिखाते हुए कहा — “आदिवासियों की राजनीति करने का आपका नैतिक अधिकार ही नहीं बचा है, बघेल जी!”

अनुराग अग्रवाल ने बिना लाग-लपेट के कहा कि, “जो व्यक्ति अपने कार्यकाल में आदिवासी मुख्यमंत्री को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ता, वह अब आदिवासी हितैषी बनने का ड्रामा कर रहा है। सत्ता से जाते ही भूपेश बघेल को आदिवासी याद आने लगे हैं? शर्मनाक दोहरापन है ये!”

उन्होंने कांग्रेस के दोहरे चेहरे को उजागर करते हुए कहा, “देश के सर्वोच्च constitutional पद पर एक आदिवासी बेटी द्रौपदी मुर्मू को बैठाने का ऐतिहासिक कार्य भारतीय जनता पार्टी ने किया — और कांग्रेस ने तब भी विरोध किया था।”

व्यक्तिगत हमला करते हुए अनुराग अग्रवाल ने सवाल दागा:

“बेटे की गिरफ्तारी में आप पूरी पार्टी को झोंक सकते हैं, लेकिन कवासी लखमा जैसे वफादार आदिवासी नेताओं, जिनसे करोड़ों कमवाए — उनकी खैर-खबर तक नहीं लेते? क्या आदिवासी सिर्फ आपके लिए इस्तेमाल की वस्तु हैं?”

उन्होंने आदिवासी बहुल इलाकों में कांग्रेस की करारी हार को याद दिलाते हुए कहा —
“आपकी सत्ता रहते हुए 80% आदिवासी सीटों पर जनता ने आपको नकारा। यह आदिवासी समाज का सीधा अविश्वास है आपकी नीतियों पर।”

अनुराग अग्रवाल यहीं नहीं रुके। उन्होंने भूपेश बघेल से तीखे सवाल पूछते हुए कहा:

“जब मोहन मरकाम जैसे आदिवासी नेता ने डीएमएफ घोटाले का मुद्दा विधानसभा में उठाया था, आपने उन्हें अध्यक्ष पद से क्यों हटाया?”

“जब कोरबा की कलेक्टर रानू साहू पर फंड दुरुपयोग का आरोप लगा, तो आपने उस पर कार्रवाई करने की बजाय उसे प्रमोशन क्यों दे दिया?”

अनुराग अग्रवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा :
“भूपेश बघेल अब आदिवासी समाज पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें। जनता जान चुकी है कि आपके लिए आदिवासी सिर्फ वोट बैंक और सत्ता की सीढ़ी हैं, सम्मान का विषय नहीं।”

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