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छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग स्कैम: 2,700 मिलर्स, हर क्विंटल पर 20 रुपये वसूली, चार्जशीट के बड़े खुलासे

रायपुर. छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग घोटाले को लेकर जांच एजेंसियों EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) और ईडी ने हाल ही में 3,500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
घोटाले का प्रारूप
- करीब 2,700 राइस मिलर्स से हर क्विंटल धान पर 20 रुपये अवैध वसूलने का खुलासा हुआ है।
- यह वसूली दो किश्तों में, प्रत्येक किश्त 20 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से होती थी, यानी कुल 40 रुपये तक वसूला गया।
- चार्जशीट का दावा है कि वसूली गई राशि को वरिष्ठ अधिकारियों, ठेकेदारों और राजनीतिक फंडिंग में वितरित किया गया।
प्रमुख आरोपी
नाम | भूमिका/पद | स्थिति |
---|---|---|
अनिल टुटेजा | पूर्व IAS अधिकारी | गिरफ्तार |
अनवर ढेबर | कारोबारी | गिरफ्तार |
रोशन चंद्राकर | खाद्य विभाग अधिकारी | जांच में सहयोगी |
इन सभी को पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपी पहले से ही शराब घोटाले में भी संदेह के घेरे में हैं।
वसूली कैसे की गई?
- आरोप के अनुसार, मिलर्स से कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि बढ़ाई गई और उस पर भी अतिरिक्त “कमीशन” वसूल किया गया।
- यह रकम विभिन्न जिलों के राइस मिलर्स से इकट्ठा कर, कुछ माध्यमों से ‘सिद्धार्थ सिंघानिया’, ‘रोशन चंद्राकर’ के जरिए बड़े अधिकारियों तक पहुंचाई जाती थी।
- एक बार छोटे-बड़े स्तर पर रकम बंट चुकी थी, तब उसे कथित तौर पर पार्टी फंड या अन्य निजी लाभ के लिए उपयोग किया जाता था।
चार्जशीट के महत्वपूर्ण बिंदु
- ईओडब्ल्यू की जांच में खुलासा हुआ कि अधिक प्रोत्साहन राशि जारी कर अवैध वसूली को बढ़ावा दिया गया।
- राइस मिलरों के पास से 20 से 22 करोड़ रुपये की अवैध राशि वसूली गई और घोटाले के मुख्य आरोपियों तक पहुँचाई गई।
- चार्जशीट में शामिल 3,500 पन्नों में बैंक लेन-देन, ईमेल, फोन कॉल, दस्तावेजी साक्ष्य और कई अधिकारियों के बयान शामिल हैं।
जांच और कार्रवाई
- ईओडब्ल्यू और ईडी ने कई आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए।
- मामले में 21 जुलाई तक रिमांड बढ़ाई गई है और आगे की पूछताछ जारी है।
- चार्जशीट दाखिल होने के बाद व्यापक राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
“ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच में पाया है कि राइस मिलरों से कस्टम मिलिंग की आड़ में अवैध वसूली दो किश्तों में की गई… मिलिंग खर्च 120 रुपए दो किश्तों में देने निर्णय लिया गया, जिससे 40 रुपए कमीशन वसूल हुई।”
यह घोटाला छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक पारदर्शिता और मिलिंग प्रक्रिया की साख पर गंभीर सवाल खड़े करता है। मामले की व्यापक जांच और आरोपी अफसरों/कारोबारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।