बिटकॉइन की कीमत 1 करोड़ के पार, क्रिप्टो की दुनिया में ऐतिहासिक दिन

नई दिल्ली. 14 जुलाई 2025 को बिटकॉइन ने भारतीय निवेशकों के लिए एक नया इतिहास रच दिया। पहली बार इसकी कीमत ₹1 करोड़ के पार पहुंच गई, जिससे यह न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया। बिटकॉइन की इस ऐतिहासिक छलांग ने न सिर्फ पारंपरिक संपत्तियों—जैसे चांदी—को पीछे छोड़ा, बल्कि कई दिग्गज कंपनियों जैसे Google के मार्केट कैप को भी चुनौती दे डाली।
कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी
- 14 जुलाई 2025 को बिटकॉइन की कीमत 1.22 लाख डॉलर (लगभग ₹1,05,45,744) पर ट्रेड कर रही थी, जो ₹1 करोड़ के स्तर से ऊपर है।
- बीते सात दिनों में इसमें 12% से ज्यादा की तेजी आई है, जबकि एक महीने में करीब 20% का उछाल दर्ज किया गया।
- 2025 की शुरुआत से अब तक बिटकॉइन में 29% से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
- बिटकॉइन का मार्केट कैप $2.4 ट्रिलियन (₹2,43,87,08,34,97,890) के पार चला गया है, जो कई देशों की करेंसी और बड़ी कंपनियों से भी अधिक है।
क्यों आई इतनी जबरदस्त तेजी?
1. ETF में रिकॉर्ड निवेश
- अमेरिका में बिटकॉइन ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) को मिली मंजूरी के बाद इसमें भारी निवेश आया है।
- ETF के जरिए अब लाखों लोग और बड़े संस्थागत निवेशक आसानी से बिटकॉइन में निवेश कर पा रहे हैं, जिससे मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
2. संस्थागत निवेशकों की भागीदारी
- ब्लैकरॉक जैसी दिग्गज फर्मों ने अरबों डॉलर के बिटकॉइन खरीदे हैं, जिससे बाजार में स्थिरता और भरोसा बढ़ा है।
- 74% बिटकॉइन अब लॉन्ग-टर्म होल्डर्स के पास है, जो 15 साल का उच्चतम स्तर है।
3. अमेरिकी नीतियों और चुनावी माहौल का असर
- अमेरिका में ट्रंप सरकार की क्रिप्टो-समर्थक नीतियों और नियामकीय ढील से भी निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है।
- हाल ही में सीनेट ने स्टेबलकॉइन रेगुलेशन कानून पास किया है, जिससे क्रिप्टो को कानूनी मान्यता मिलने की उम्मीद और बढ़ गई है।
4. डॉलर की कमजोरी और मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर्स
- डॉलर के कमजोर होने से निवेशकों ने बिटकॉइन को सुरक्षित विकल्प के रूप में अपनाया है।
- बढ़ती ट्रेजरी डिमांड और सॉवरेन क्रेडिट में गिरावट ने भी बिटकॉइन को सपोर्ट किया है।
पारंपरिक संपत्तियों और कंपनियों को पछाड़ा
- बिटकॉइन की मार्केट कैप अब ऑस्ट्रेलियन और ताइवानी डॉलर जैसी करेंसी से भी बड़ी हो गई है।
- चांदी जैसी पारंपरिक संपत्तियों की तुलना में बिटकॉइन ने कहीं अधिक रिटर्न दिया है।
- Google जैसी टेक दिग्गज कंपनियों के मार्केट कैप को भी बिटकॉइन ने पीछे छोड़ दिया है।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है यह रिकॉर्ड?
- पिछले एक साल में बिटकॉइन ने 100% से अधिक रिटर्न दिया है, यानी निवेशकों की पूंजी दोगुनी हो गई।
- एक महीने में ही बिटकॉइन ने करीब 10% का रिटर्न दिया है, जिससे निवेशकों का उत्साह चरम पर है।
- इसके साथ ही, इथेरियम, एक्सआरपी, सोलाना, डॉगकॉइन, स्टेलर जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में भी जबरदस्त तेजी देखी जा रही है।
क्या यह तेजी आगे भी जारी रहेगी?
- विशेषज्ञों के अनुसार, बिटकॉइन जुलाई 2025 के अंत तक $1,28,000-$1,32,000 (₹1.10-1.15 करोड़) तक पहुंच सकता है।
- हालांकि, अगर बिटकॉइन $1,14,000 से नीचे जाता है तो इसमें कुछ गिरावट भी देखी जा सकती है।
- बाजार में बुलिश सेंटीमेंट, संस्थागत निवेश, और क्रिप्टो को मिल रही कानूनी मान्यता के चलते लंबी अवधि में तेजी के संकेत मजबूत हैं।
बिटकॉइन की ऐतिहासिक यात्रा
वर्ष | कीमत (USD) | कीमत (INR) | प्रमुख उपलब्धि |
---|---|---|---|
2010 | $0.08 | ₹4-5 | पहली बार एक्सचेंज पर लिस्टिंग |
2017 | $20,000 | ₹15 लाख | पहली बार मेनस्ट्रीम चर्चा |
2020 | $10,000 | ₹7 लाख | कोविड के दौरान तेजी |
2021 | $60,000 | ₹45 लाख | पहली बार ETF चर्चा |
2024 | $70,000 | ₹58 लाख | संस्थागत निवेश बढ़ा |
2025 | $1,22,000+ | ₹1 करोड़+ | ऑल टाइम हाई, ETF बूम |
जोखिम और सतर्कता
- बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश जोखिमपूर्ण है। इसमें उतार-चढ़ाव बहुत तेज होते हैं।
- विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेश से पहले पूरी जानकारी लें और अपने जोखिम प्रोफाइल के अनुसार ही कदम उठाएं।
- भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रेगुलेशन स्पष्ट नहीं है, इसलिए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
बिटकॉइन ने ₹1 करोड़ का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर न केवल क्रिप्टो मार्केट बल्कि पूरी फाइनेंशियल वर्ल्ड को चौंका दिया है। इसकी तेजी ने पारंपरिक संपत्तियों और दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। ETF में निवेश, संस्थागत भागीदारी, अमेरिकी नीतियों और डॉलर की कमजोरी जैसे फैक्टर्स ने इस रैली को सपोर्ट किया है। हालांकि, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि क्रिप्टो बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं।