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छत्तीसगढ़ में GST का बड़ा फर्जीवाड़ा: हर साल 1000 करोड़ की टैक्स चोरी, कच्चे में होता है कारोबार

रायपुर: छत्तीसगढ़, जो हाल के वर्षों में देश में तेज़ी से आर्थिक विकास और राजस्व वृद्धि के लिए जाना गया है, अब एक और वजह से सुर्खियों में है—यहां हर साल लगभग 1000 करोड़ रुपये की GST टैक्स चोरी का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। राज्य के विभिन्न शहरों में छापेमारी और जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि बड़े पैमाने पर कच्चे में कारोबार, बोगस बिलिंग, फर्जी इनवॉइसिंग और मृतकों के नाम पर फर्में बनाकर शासन को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है

टैक्स चोरी का तंत्र: कच्चे में कारोबार और बोगस बिलिंग

कच्चे में कारोबार

बोगस बिलिंग और फर्जी इनवॉइसिंग

छापेमारी और विभागीय कार्रवाई

राज्यव्यापी छापेमारी

फर्जी ITC और डिजिटल रिकॉर्ड की कमी

विभागीय सख्ती

फर्जीवाड़े के चर्चित मामले

अमन अग्रवाल केस

अन्य चर्चित छापेमारी

टैक्स चोरी के तरीके

तरीकाविवरण
कच्चे में कारोबारबिना बिल के नकद लेन-देन, स्टॉक में हेराफेरी, लेखांकन का अभाव
बोगस बिलिंगफर्जी इनवॉइसिंग, मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्म, फर्जी ITC का लाभ
डिजिटल रिकॉर्ड की कमीअकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का अभाव, डिजिटल रजिस्ट्रेशन नहीं, नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल
फर्जी पंजीकरणमृतकों के नाम पर फर्म, फर्जी GSTIN, नकली सप्लायर्स के नाम पर बिलिंग
ITC का दुरुपयोगबोगस फर्मों के जरिए फर्जी खरीद दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत फायदा

सरकार और विभाग की प्रतिक्रिया

प्रशासनिक सुधार और तकनीकी उपाय

अनुपालन में सुधार

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

छत्तीसगढ़ में हर साल 1000 करोड़ रुपये की GST टैक्स चोरी का खुलासा राज्य के राजस्व और विकास के लिए एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, सरकार और जीएसटी विभाग की सख्ती, तकनीकी नवाचार और व्यापारी जागरूकता अभियानों के चलते टैक्स चोरी पर धीरे-धीरे अंकुश लग रहा है। फिर भी, जब तक कच्चे में कारोबार, बोगस बिलिंग और फर्जीवाड़े की प्रवृत्ति पर पूरी तरह से रोक नहीं लगती, तब तक राज्य को सतर्क रहना होगा। पारदर्शिता, तकनीक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति के साथ ही छत्तीसगढ़ आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकता है

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