छत्तीसगढ़ में GST का बड़ा फर्जीवाड़ा: हर साल 1000 करोड़ की टैक्स चोरी, कच्चे में होता है कारोबार

रायपुर: छत्तीसगढ़, जो हाल के वर्षों में देश में तेज़ी से आर्थिक विकास और राजस्व वृद्धि के लिए जाना गया है, अब एक और वजह से सुर्खियों में है—यहां हर साल लगभग 1000 करोड़ रुपये की GST टैक्स चोरी का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। राज्य के विभिन्न शहरों में छापेमारी और जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि बड़े पैमाने पर कच्चे में कारोबार, बोगस बिलिंग, फर्जी इनवॉइसिंग और मृतकों के नाम पर फर्में बनाकर शासन को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
टैक्स चोरी का तंत्र: कच्चे में कारोबार और बोगस बिलिंग
कच्चे में कारोबार
- राज्य के कई कारोबारियों ने लेनदेन और स्टॉक में हेराफेरी कर कच्चे में कारोबार को बढ़ावा दिया है।
- कच्चे बिलों और नकद लेनदेन के ज़रिए टैक्स की चोरी की जाती है, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान होता है।
- कई फर्मों के पास लेखांकन का कोई प्रमाणिक रिकॉर्ड नहीं पाया गया, जिससे यह साबित होता है कि वे टैक्स देने से बचते रहे।
बोगस बिलिंग और फर्जी इनवॉइसिंग
- जांच में यह भी सामने आया कि फर्जी इनवॉइसिंग और बोगस बिलिंग के ज़रिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत फायदा उठाया जा रहा था।
- कुछ फर्मों ने मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों की खरीद और बिक्री दिखाई।
- बोगस फर्मों के जरिए 144 करोड़ रुपये की फर्जी खरीद दिखाकर 26 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई।
छापेमारी और विभागीय कार्रवाई
राज्यव्यापी छापेमारी
- जुलाई 2025 में रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, रायगढ़ और जगदलपुर सहित राज्य के छह बड़े शहरों में एक साथ छापेमारी की गई।
- गुटखा, कपड़ा, जूता, ट्रांसपोर्ट और ड्रायफ्रूट जैसे क्षेत्रों में व्यापारियों के दफ्तरों और गोदामों की गहन तलाशी ली गई।
- छापेमारी के दौरान कई स्थानों पर अफरा-तफरी मच गई, कुछ कारोबारी दस्तावेज छुपाते नजर आए, तो कुछ मौके से गायब हो गए।
फर्जी ITC और डिजिटल रिकॉर्ड की कमी
- कई फर्मों के पास न तो अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर था और न ही पूरे लेन-देन का कोई रिकॉर्ड।
- सारा कारोबार कच्चे बिलों और फर्जी दस्तावेजों के दम पर चलाया जा रहा था।
- सरकारी पोर्टल पर जिन फर्मों का रिस्क स्कोर 10 था, उनका नगद टैक्स भुगतान शून्य पाया गया।
विभागीय सख्ती
- विभाग ने अब तक की जांच में करीब 10 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की पुष्टि की है और सभी फर्म संचालकों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
- टैक्स चोरी के मामलों में बड़ी पेनाल्टी के साथ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
- जीएसटी विभाग ने स्पष्ट किया है कि टैक्स चोरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
फर्जीवाड़े के चर्चित मामले
अमन अग्रवाल केस
- रायपुर के लोहा कारोबारी अमन अग्रवाल को 26 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
- अमन अग्रवाल ने अगस्त्या एंटरप्राइजेज और अग्रवाल एंटरप्राइजेज के नाम से फर्जी फर्में बनाईं और मृतकों के नाम पर करोड़ों की खरीद दिखाई।
- 2023 से 2025 तक 144 करोड़ रुपये की फर्जी इनवॉइसिंग के जरिए ITC का लाभ उठाया गया।
अन्य चर्चित छापेमारी
- दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ और जगदलपुर में गुटखा, कपड़ा, ट्रांसपोर्ट, जूते और ड्रायफ्रूट कारोबारियों के यहां छापे पड़े।
- छापे के दौरान दस्तावेज, लैपटॉप, कंप्यूटर और बिक्री रजिस्टर जब्त किए गए।
- डिजिटल डेटा की गहन जांच के बाद टैक्स चोरी की पुष्टि हुई।
टैक्स चोरी के तरीके
तरीका | विवरण |
---|---|
कच्चे में कारोबार | बिना बिल के नकद लेन-देन, स्टॉक में हेराफेरी, लेखांकन का अभाव |
बोगस बिलिंग | फर्जी इनवॉइसिंग, मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्म, फर्जी ITC का लाभ |
डिजिटल रिकॉर्ड की कमी | अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का अभाव, डिजिटल रजिस्ट्रेशन नहीं, नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल |
फर्जी पंजीकरण | मृतकों के नाम पर फर्म, फर्जी GSTIN, नकली सप्लायर्स के नाम पर बिलिंग |
ITC का दुरुपयोग | बोगस फर्मों के जरिए फर्जी खरीद दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत फायदा |
सरकार और विभाग की प्रतिक्रिया
प्रशासनिक सुधार और तकनीकी उपाय
- छत्तीसगढ़ ने GST प्रशासन को पारदर्शी और तकनीक-आधारित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
- 28,000 से अधिक व्यवसायों का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें से 4,252 फर्मों को फर्जी पाया गया।
- डेटा एनालिटिक्स और AI आधारित निगरानी प्रणाली लागू की जा रही है ताकि भविष्य में टैक्स चोरी पर और अधिक अंकुश लगाया जा सके।
अनुपालन में सुधार
- रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले व्यापारियों की संख्या 15% से घटकर 6% रह गई है।
- वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ ने 16,390 करोड़ रुपये का GST संग्रह किया, जो देश में सबसे अधिक 18% वार्षिक वृद्धि दर है।
- विभाग ने 49 संभावित कर अपवंचन क्षेत्रों की पहचान कर 101 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त किया।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
- टैक्स चोरी के कारण सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों के लिए जरूरी राजस्व में भारी कमी आती है।
- कच्चे में कारोबार से राज्य की अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता घटती है और ईमानदार व्यापारियों को नुकसान होता है।
- फर्जीवाड़े की वजह से राज्य की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगाता है।
छत्तीसगढ़ में हर साल 1000 करोड़ रुपये की GST टैक्स चोरी का खुलासा राज्य के राजस्व और विकास के लिए एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, सरकार और जीएसटी विभाग की सख्ती, तकनीकी नवाचार और व्यापारी जागरूकता अभियानों के चलते टैक्स चोरी पर धीरे-धीरे अंकुश लग रहा है। फिर भी, जब तक कच्चे में कारोबार, बोगस बिलिंग और फर्जीवाड़े की प्रवृत्ति पर पूरी तरह से रोक नहीं लगती, तब तक राज्य को सतर्क रहना होगा। पारदर्शिता, तकनीक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति के साथ ही छत्तीसगढ़ आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकता है।