Air India Plane Crash: अहमदाबाद हादसे की ताजा रिपोर्ट, जांच, सवाल और पीड़ितों की कहानी

नई दिल्ली. 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने जैसे ही उड़ान भरी, कुछ ही मिनटों बाद एक भयानक दुर्घटना का शिकार हो गई। यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, जिसमें 242 लोग सवार थे—इनमें 12 क्रू मेंबर भी शामिल थे। विमान अहमदाबाद के मेघाणी नगर क्षेत्र में स्थित एक मेडिकल हॉस्टल परिसर पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस हादसे में 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत हो गई, जबकि जमीन पर मौजूद 19 से अधिक लोगों ने भी अपनी जान गंवाई। कुल मिलाकर लगभग 270 लोगों की जान गई, जो भारत के विमानन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है।
हादसे की शुरुआती जांच: AAIB रिपोर्ट के बड़े खुलासे
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने हादसे के करीब एक महीने बाद अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद विमान के दोनों इंजनों तक ईंधन की आपूर्ति अचानक बंद हो गई। इससे दोनों इंजन फेल हो गए और पायलटों के पास विमान को बचाने के लिए बेहद कम समय बचा।
कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर से मिले संकेत
रिपोर्ट में कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) से मिली बातचीत के आधार पर बताया गया कि उड़ान के तुरंत बाद दोनों इंजनों में फ्यूल कट ऑफ हो गया था। एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “तुमने फ्यूल क्यों कट किया?”—यह संवाद हादसे के रहस्य को और गहरा कर देता है।
आखिरी पलों की कोशिश
AAIB रिपोर्ट के अनुसार, “Mayday” कॉल आने से ठीक 13 सेकंड पहले पायलटों ने फ्यूल कंट्रोल स्विच को “कटऑफ” से “रन” पर वापस किया, यानी इंजन को दोबारा स्टार्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इंजन-1 में कुछ रिकवरी के संकेत मिले, लेकिन इंजन-2 पूरी तरह बंद ही रहा। विमान ने पर्याप्त ऊंचाई नहीं पकड़ी थी, जिससे पायलटों की कोशिशें नाकाम रहीं।
हादसे के कारणों पर बहस
रिपोर्ट में हादसे का मुख्य कारण ईंधन आपूर्ति का अचानक बंद होना बताया गया है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि फ्यूल सप्लाई खुद-ब-खुद बंद हुई या किसी मानवीय गलती या तकनीकी खराबी की वजह से।
एविएशन विशेषज्ञों के अनुसार, फ्यूल स्विच अपने आप नहीं बदल सकते। इन्हें मैन्युअली ही ऑपरेट किया जाता है और सुरक्षा के लिए इन पर सेफ्टी गार्ड भी होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या किसी ने गलती से या जानबूझकर फ्यूल स्विच को “कटऑफ” किया, या यह कोई तकनीकी खराबी थी? इस सवाल का जवाब AAIB की फाइनल रिपोर्ट से ही मिल सकेगा।
विमान की स्थिति और मौसम
AAIB रिपोर्ट के मुताबिक, विमान का वजन मानक सीमा में था, मौसम पूरी तरह अनुकूल था, और पक्षी टकराने जैसी कोई घटना नहीं हुई थी। टेकऑफ के समय विमान 5 डिग्री की स्थिति में था, लैंडिंग गियर डाउन था, और थ्रस्ट लीवर फॉरवर्ड पोजीशन में थी।
पीड़ितों के परिवार और बीमा दावे
इस हादसे के बाद मृतकों के परिजनों ने बीमा कंपनियों में कई तरह के दावे किए हैं—होटल बुकिंग रद्द होने, सामान गुम होने, आकस्मिक मृत्यु कवरेज, ट्रिप कैंसिलेशन, किसान क्रेडिट कार्ड धारकों के दावे, व्यक्तिगत दुर्घटना और लाइफ इंश्योरेंस के दावे लगातार सामने आ रहे हैं।
बीमा कंपनियां इन दावों की जांच कर रही हैं और मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। एयर इंडिया ने भी सभी पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है।
डीएनए जांच और शवों की पहचान
दुर्घटना के बाद शवों की हालत इतनी खराब थी कि उनकी पहचान डीएनए जांच के जरिए की जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, सभी मृतकों की पहचान में समय लग सकता है। कई परिवार अभी भी अपने प्रियजनों के शवों का इंतजार कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
इस हादसे ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में AAIB की रिपोर्ट और भारतीय विमानन सुरक्षा मानकों पर चर्चा हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस हादसे से भारतीय एविएशन इंडस्ट्री को अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा करनी होगी।
एयर इंडिया और सरकार की प्रतिक्रिया
एयर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विल्सन ने कहा है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में न तो कोई मेंटेनेंस इश्यू पाया गया, न ही कोई स्पष्ट कारण। उन्होंने सभी से आग्रह किया है कि फाइनल रिपोर्ट आने तक किसी निष्कर्ष पर न पहुंचें। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने भी संयम बरतने की अपील की है और कहा है कि पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
हादसे से जुड़े अनसुलझे सवाल
- फ्यूल सप्लाई अचानक कैसे बंद हुई?
- क्या यह तकनीकी खराबी थी या पायलट की गलती?
- क्या विमान में कोई मेंटेनेंस इश्यू था?
- क्या सुरक्षा प्रक्रियाओं में कोई चूक हुई?
इन सवालों के जवाब AAIB की फाइनल रिपोर्ट से ही मिल सकेंगे।
ब्लैक बॉक्स और आगे की जांच
ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर) की जांच जारी है। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इससे हादसे की असली वजह का पता चल सकेगा। AAIB और DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) की टीमें लगातार जांच में जुटी हैं।
एयर इंडिया की ओर से सहायता
एयर इंडिया ने हादसे के बाद पीड़ितों के परिवारों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है। एयरलाइन ने कहा है कि वह नियामक एजेंसियों के साथ मिलकर जांच में पूरा सहयोग कर रही है और प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है।
भारत के विमानन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी
अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हादसे के कारणों पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट ने कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवारों के लिए यह समय बेहद कठिन है, लेकिन सरकार, एयर इंडिया और बीमा कंपनियां उनकी मदद के लिए आगे आई हैं।
जांच एजेंसियों की रिपोर्ट और ब्लैक बॉक्स की जांच के बाद ही हादसे की असली वजह सामने आ सकेगी। इस त्रासदी ने एक बार फिर विमानन सुरक्षा, मानवीय त्रुटि और तकनीकी निगरानी की अहमियत को रेखांकित किया है।