“डॉग बाबू” के बाद आया “डोगेश बाबू”! आरटीपीएस पोर्टल बना मज़ाक का मंच, नवादा डीएम ने दिए FIR के आदेश
आरटीपीएस पोर्टल पर खुलेआम फर्जीवाड़ा, लेकिन इस बार प्रशासन सख्त हुआ है

जनदखल/पटना/ बिहार की सरकारी व्यवस्था फिर से मज़ाक बन गई है — और इस बार भी वजह है एक कुत्ता!
पटना में “डॉग बाबू” के नाम से आवास प्रमाणपत्र जारी होने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब नवादा जिले में “डोगेश बाबू” के नाम से नया आवेदन दायर कर दिया गया।
आरटीपीएस पोर्टल पर खुलेआम फर्जीवाड़ा, लेकिन इस बार प्रशासन सख्त हुआ है।
नवादा के डीएम रवि प्रकाश ने इस फर्जीवाड़े को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज करने और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है डोगेश बाबू मामला?
नवादा के सिरदला ब्लॉक में ऑनलाइन आवेदन किया गया जिसमें “डोगेश बाबू” के लिए आवास प्रमाणपत्र मांगा गया। आवेदन में जो जानकारी दी गई वो किसी कॉमेडी स्क्रिप्ट से कम नहीं:
पिता का नाम: डोगेश के पापा
मां का नाम: डोगेश की मामी
गांव: खरोंध
पोस्ट: शेरपुर
वार्ड: 11
ब्लॉक: सिरदला
फोटो: एक कुत्ते की असली तस्वीर!
अब सवाल यह है कि क्या RTPS पोर्टल “राइट टू पब्लिक सर्विस” है या “राइट टू पेट सर्टिफिकेट”?
डीएम बोले: “Copy dogs पकड़े गए हैं!”
डीएम रवि प्रकाश ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा,
“कॉपीकैट्स नहीं, कॉपी डॉग्स पकड़े गए हैं… यह कोशिश हास्य के नाम पर प्रशासनिक प्रक्रिया से छेड़छाड़ है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
सिरदला ज़ोन अधिकारी अभिनव राज ने इस फर्जीवाड़े की पुष्टि की और बताया कि आईटी एक्ट और आईपीसी की धारा 319(2), 340(1), 241 और 66D के तहत मामला दर्ज किया गया है।
‘डॉग बाबू’ केस की परछाई में ‘डोगेश बाबू’
इससे पहले पटना के मसौढ़ी जोन कार्यालय में डॉग बाबू के नाम पर प्रमाणपत्र जारी किया गया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और बिहार सरकार की भारी फजीहत हुई थी।
पटना डीएम थियागराजन ने खुद मसौढ़ी ऑफिस पहुंचकर मामले की जांच की और साफ कहा था कि यह सरकार को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश थी।
जानकारों के मुताबिक
बिहार के RTPS पोर्टल की साख अब सवालों के घेरे में है। ऐसे में ज़रूरत है कि दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा मिले और ‘कॉमेडी के नाम पर क्राइम’ करने वालों पर प्रशासनिक डंडा चले। क्योंकि आज कुत्ते का सर्टिफिकेट है, कल कोई बिल्ली को राशन कार्ड दिला देगा!